Ch. 2- काकी

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Workbook Answers of काकी - Hindi Sahitya Sagar 
  


Chapter. 2 -  “काकी”
प्रश्न एवं उत्तर :-

1. वह प्रायः अकेला वैठा बैठा शून्य मन से आकाश की ओर ताका करता
(क)शून्य मेन से आकाश की ओर ताकेने वाला वह बालक कौन है?
उत्तर - शून्य मन से आकाश की ओर ताकेने वाला बालक श्यामू है। श्यामू मासूम नादान और संवेदनशील बालक है। वह अपनी काकी (मा) से बहुत प्यार करता था, इसलिए काकी के मरने के बाद भी उन्हें नही मुला पाया। नादान होने के कारण वह किसी की भी बात पर विश्वास कर लेता है।

ख) वह बोलेकै अकेला बैठा बेठा क्या सोचता रहता था और क्यों?
उत्तर - वह बालक अकेला वैश- बैठा सोचता कि काकी राम के घर से कव वापस आयेगी, क्योकि वह अपनी काकी (माँ) को बहुत याद करता और वह उनके बिना नहीं रह सकता था।

ग) आकाश की और देखते-देखते एक दिन वह प्रसन्न हो उठा। उसकी पसन्नतां का क्या कारण था?
उत्तर -  आकाश की ओर देखते - देखते श्यामू एक दिन प्रसन्न हो उठा, क्योंकि उसने आकाश में उड़ते हुए एक पतंग को देखा और वह सोचने लगा की पतंग से वह अपनी काकी को राम के यहाँ से वापस ला सकता है। यही उसकी पसन्नता का कारण था।

घ) उपर्युक्त अवतरठा के आधार पर बालक की मनोदशा धेरै प्रकाश डालिए।
उत्तर - श्यामू अपनी काकी (माँ) की मृत्य से बहुत दुखी रहता था। वह अपनी काकी से बहुत प्यार करता था। काकी के बिना वह उदास रहता था। माँ के वियोग का दुख उसके मन में बैठ गया हर समय माँ के बोर मे सोचता रहता । उसके चेहरे की खुशी गायब हो गयी थी और उसका मन शून्य हो गया था।

2. उसने एक चवन्नी का आविष्कार करके वह तुरन्त वहाँ से भाग गया।
(क) एक चवन्नी का आविष्कार से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर - श्णमू ने जब अपने पिता से पतंग के लिए पैसे मागे तो वे बाद में लोन की बात कहकर टाल दिया । श्याभू माँ से मिलने के लिए अपने आप को चोरी कसे से रोक न सका और पिता की खूंटी पर टंगी कोट से पैसे निकानने गया तो उसके हाथ में एक चव-नी आ गयी। वह उस चवन्नी से पतंगनडोर स्भीयता। यहाँ न्यवन्नी का आविष्कार का अर्थ है. अचानक पैसे मिल जाना, क्योंकि उसे नहीं पता था कि कोट में पैसे है इसलिए यहाँ अवितकार शब्द का प्रयोग किया गया है।

(ख) 'तुरन्त बहों से भाग गया' ये शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुए हैं। उसके मन की उदासी का कारण क्या था?
उत्तर - यह शब्द श्यामू के लिए प्रयुक्त हुआ है। उसकी काकी (माँ) की मृत्यु हो गई थी इसलिए वह उदास रहता था। श्यामू उस चवन्नी चैले चैतग और डोर मंगा कर अपनी काकी को नीचे लाना चाहता था। वह अपनी माँ के बिना अकेला महसूल करता था। बड़े लोगों ने उसे बहलान के लिए‌ उससे कह दिया कि तुम्हारी काकी माना के घर गई है। परन्तु उसके मित्रों ने उसे बता दिया कि उसकी काकी भगवान के घर गई है जिससे उसका मन उदास रहने लगा।

ग) उसके मित्र को नाम बताइए तथा उसको पीरीय दीजिए।
उत्तर - श्यामू के मित्र का नाम भोला था। वह श्यामू की नौकरानी का बेटा था। वह एक समझदार लड़‌का था। भोला श्यामू के साथ खेलता था। गोला उरपोक लड़का था।
जब श्याम के पिता को श्यामू के चोरी की बात पता चलती है, तो वे क्रोधित हो जाते है और भोला डरकर श्यामू का भेद खोल देता है।

(घ) उसने मित्र को क्या करने के लिए कहा, उसेक मन  में क्या योजना थी।
उत्तर - श्यामू अपने पिता की कोट से चवन्नी चुराकर अपने मित्र को दिया और इसे अपनी जीजी को देकर पतंग और डोर मंगवाने के लिए कहा, क्यो कि वह पतंग और डोर से अपनी काकी (माँ) को राम के घर से नीचे उतारना चाहता था।

3. श्यामू गम्भीर हो गया। मतलब यह कि बात लाख रुपए की सुझाई गई है....
क) श्यामू को किसने, कब और क्या बात सुझाई ?
उत्तर - 

श्यामू को उसको दोस्त  भोला ने यह बात सुझाई कि डोर तो बहुत पतली है, अगर काकी उसे पकड़‌कर नीचे आयेगी तो पतंग की डोर टूट जाएगी और काकी नीचे नही आ पाएगी। काकी को नीचे लाने के लिए मोटी रस्सी चाहिए, यह बात भोला ने श्यामू को तब बताई, जव वह पतंग में डोर बाँध रहा था।

(ख) उसे बात को सुनकर श्यामू गम्भीर क्या हो गया। उसकी चिन्ता का क्या कारण था?
उत्तर - मोटी डोर मंगाने की बात सुनकर श्यामू गंभीर हो गया क्योकि मोटी रस्सी मंगवाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। यदि मोटी रस्सी नही आयेगी तो वह अपनी माँ को नीचे कैसे उतार सकता था इसलिए वह चिंतित हो गया ।

(ग) ‘यह बात लाख रुपए की सुझाई गई है’ - इस वाक्य का अर्थ समझाकर  लिखिए।
उत्तर - यह बात लाख रुपए की सुझाई का अर्थ है-  जब श्यामू ने पतंग में दोर बांधा तव भोला ने कहा कि 'डोर बहुत पतली है, पतली डोर से काकी नीचे आंएंगी तो डोर टूटने के कारण काकी नीचे गिर जाएगी, इसलिए मोटी रस्सी होनी चाहिए। तब श्यामू ने सोचा कि बात बिलकुल सही है।

4. भोला और श्यामू को धमकाकर बोले, "तुमने हमारे कोट से रुपया निकाला है?"
(क) भोला और श्यामू कौन है। वे इस समय कहाँ हैं और क्यों कर रहे है।
उत्तर - भोला और श्यामू कहानी के पात्र है। वे दोनो आपस में मित्र भी है। वे इस समय अंधेरे घर में बैठे पतंग की डोर बांध रहे है।

(ख) धमकाने वाला वह व्यथित कौन है? उसके कोध का क्या कारण है?
उत्तर - धमकाने वाला व्यक्ति श्यामू के पिता विश्वेश्वर है। उनके गुस्से का का कारण यह था, कि श्यामू ने पतंग और रस्सी मंगवाने के लिए उनके कोट की जेब से एक रुपये निकाले थे।

(ग) रूपयों किसने निकाला था और क्यों?
उत्तर - रुपया श्यामू ने अपने पिता के कोट की जेब से निकाला था क्योकि काकी की मृत्यु हो जाने के कारण वह उन्हें बहुत याद करता था। वह पतंग के सहारे अपनी काकी (माँ) को भगवान के घर नीचे लाना चाहता था । पतंग और रस्सी खरीदने के लिए उसे पैसे की जरूरत थी इसलिए उसने ऐसा कियाथा।

(घ) रुपया निकालने के अपराध में किसको क्या दण्ड मिला?
उत्तर - जब श्यामू ने पतंग और रस्सी खरीदने के लिए अपने पिता की जेब से पैसे निकाले तो विश्वेश्वर को यह बात पता चल गया। विश्वेश्वर ने श्याम को चोरी सीख कर जेल जाने की बात कहकर उसे दो तमाचे जड़ दिय और कान मलने के बाद पतंग फाड बाली ।

5. विश्वेश्वर हतबुद‌धि होकर नही खड़े रह गए। 
(क) विश्वेश्वर कौन है? उनका संक्षिप्त परिलय दीजिए 
उत्तर - विश्वेश्वर कहानी का पात्र और श्यामू के पिता है। पत्नी की मृत्यु होने पर वे अन्यमनस्क हो उठे थे। वे श्यामू की चोरी का पता चलने पर विवेक खो बैठते है और उसकी पिटाई कर देते हैं।

(ख) क्या आपकी दृष्टि में श्यामू अपराधी था ?
उत्तर - मेरी दृष्टि में श्यामू अपराबी नहीं था। माँ की मृत्यु के बाद उसके घर वाले और उसके पिता किसी ने भी उसके दख को नही समझा। उसकी भावनाओं को समझाना था। वह अपनी काकी को पाने के लिए जो भी किया उसे अपराध नही कहा जा सकता ।

4) इस अवतरण के आधार पर विश्वेश्वर की मनोदशा पर प्रकाश डालिए।
उत्तर - जब विश्वेश्वर ने श्यामू को मारा और पतंग फाड़ दी, तब भोला ने उन्हें बताया कि श्यामू पतंग और रस्सी के द्वारा काकी को वापस लाना चाहता था. इसलिए उसने पतंग में काकी लिखा था। विश्वेश्वर ने अपने पुत्र कि इस मासूमियत देखकर हतबुद्धीथ रह गये।

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